कुलपति संदेश
मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल की ओर से आप सभी का हार्दिक अभिनंदन। कुलपति के रूप में उच्च शिक्षा के प्रति विश्वविद्यालय के दायित्वों एवं इन दायित्वों के निष्पादन के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करता हूँ। एक मुक्त विश्वविद्यालय का मुख्य दायित्व ऐसे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध करना है जो संसाधनो के आभाव, रोजगार की व्यस्तता अथवा किन्हीं अपरिहार्य कारणों से वंचित रह जाते है। अत: मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के प्रमुख उद्देश्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संसाधनों द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश के सभी वर्गों तक दूरस्थ माध्यम से उच्च शिक्षा पहुंचाना और एकीकृत मानव विकास में योगदान करना है। मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा भौगोलिक क्षेत्र है जिसकी 70% से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। भाषाई, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता के कारण, राज्य में अधिकांश जनजातियाँ मुख्यधारा के विकास से कटी हुई हैं। ग्रामीण और आदिवासी आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए कृषि और उससे जुड़ी नौकरियां कमाई का प्राथमिक स्रोत हैं। इस पृष्ठभूमि के साथ, समान शिक्षा की सुलभता और शिक्षण संसाधनो की उपलब्धता नीति निर्माताओं, शैक्षणिक संस्थानों और शिक्षाविदों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है। उच्च शिक्षा के संदर्भ में, अधिक सुलभता और पर्याप्त संसाधनो के साथ शिक्षा का प्रासंगिक और आवश्यकता-आधारित होना कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है। इस दृष्टि से, मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा प्रणाली (Open and Distance Learning) एक प्रभावी विकल्प है। मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय उक्त दिशा में अपनी उपस्थिती और अपने उद्देश्यों के पालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करता है। अपनी इसी प्रतिबद्धता के कारण विश्वविद्यालय कई माध्यमों के द्वारा विषय संबंधित व्याख्यान अपने छात्रों को उपलब्ध करता है जिसमे “भोजवाणी” एवं “भोजदर्शन” जैसी सेवाओं का संचालन उल्लेखनीय है। सुदूर क्षेत्रों तक दूरदर्शन की उपस्थिती को देखते हुए, विश्वविद्यालय द्वारा BA और B.Sc. पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए 250 से अधिक विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के संबंधित विषय विशेषज्ञों के व्याख्यानों का प्रसारण डीडी मध्य प्रदेश पर किया गया है। जिसका लाभ न केवल भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के छात्रों अपितु मध्य प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों को होता है। छात्रों के कौशल विकास को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय कई नवाचार अपना रहा है। समाज में नैतिक मूल्यों के विकास एवं सामाजिक दायित्वों के प्रति बोध उत्पन्न करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा “रामचरित मानस से सामाजिक विकास” में पत्रोपाधि (डिप्लोमा) पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया गया है। विश्वविद्यालय विशेष रूप से वंचित और ग्रामीण आबादी के लिए उच्च शिक्षा को बढ़ावा देता है। वर्तमान में, विश्वविद्यालय पूरे मध्य प्रदेश में 40 शैक्षणिक कार्यक्रमों, 11 क्षेत्रीय केंद्रों और 500 से अधिक अध्ययन केंद्रों के माध्यम से 80,000 से अधिक छात्रों को अपनी सेवा प्रदान कर रहा है। इनमें से लगभग 90% छात्र ग्रामीण क्षेत्रों से होते हैं। सुदूर क्षेत्रों के निवासी और शारीरिक रूप से विकलांग के छात्रों के सशक्तिकरण में भोज विश्वविद्यालय का प्रदेश ही नहीं, अपितु राष्ट्र स्तर पर विशेष योगदान रहा है। कुलपति के रूप में, मैं आश्वासन देता हूं कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी अपना यह योगदान देता रहेगा। इसी अनुक्रम में उच्च शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय अपने अध्ययन केंद्र सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित कर रहा है। विश्वविद्यालय एक ऐसी गुणात्मक शिक्षा व्यवस्था को स्थापित करने के लिए प्रयासरत है, जो वर्तमान परिपेक्ष्य में प्रासंगिक हो। मुझे आशा है कि भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश के सभी क्षेत्रों विशेषत: सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों एवं अनुसूचित व अनुसूचित जनजाति के छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का प्रसार करने का लक्ष्य प्राप्त करते हुये, प्रदेश में उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात (GER Ratio) बढ़ाने में अपना योगदान देगा। सभी छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ।
डॉ. संजय तिवारी
कुलपति
मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल