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दिव्यांग लोग भी हर प्रकार का काम कर सकते हैं इस दृष्टि से यदि समाज देखेगा तो उनके लिए सभी रास्ते निकाले जा सकते हैं -प्रो त्रिवेदी

दिव्यांग लोग भी हर प्रकार का काम कर सकते हैं इस दृष्टि से यदि समाज देखेगा तो उनके लिए सभी रास्ते निकाले जा सकते हैं -प्रो त्रिवेदी

25 Aug 2023


दिव्यांग लोग भी हर प्रकार का काम कर सकते हैं इस दृष्टि से यदि समाज देखेगा तो उनके लिए सभी रास्ते निकाले जा सकते हैं -प्रो त्रिवेदी

भोपाल ०५ दिसंबर २० २२  . मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में आज अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय भोपाल के प्रो रोहित त्रिवेदी ने कहा कि  डिसेबिलिटी और इंपेयरमेंट में काफी अंतर है।  डिसेबिलिटी को कई साधनों के माध्यम से सुधारा जा सकता है जबकि इंपेयरमेंट एक शारीरिक बाध्यता होती है। उन्होंने कहा कंप्यूटर में एडवांसमेंट के कारण आजकल बहुत सारी सुविधाएं और सॉफ्टवेयर बन गए हैं जिससे दिव्यांग जनों को पढ़ने लिखने और अपने काम करने में बहुत सुविधा होती है। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर, मशीनों इत्यादि का उल्लेख किया जिससे दिव्यांग जनों को  अपने अपने कार्य संपादित करने और अध्ययन करने में काफी मदद मिल रही है।  उन्होंने विश्वविद्यालय किस प्रकार अपने पाठ्यक्रम और अध्ययन अध्यक्ष सामग्री को दिव्यांग जनों हेतु सुगम बनाया जाए इस पर विस्तार से बात की उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि  विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एक ऐसे इकाई का गठन किया जाना चाहिए जो दिव्यांग जनों के प्रति हमेशा कार्य करें। सार्वजनिक भवनों को दिव्यांग जनों हेतु सुगम बनाया जाए रैम्प  का निर्माण हो प्रसाधनों, प्रयोगशालाओं ,पुस्तकालयों में इस बात का ध्यान रखा जाए कि दिव्यांग जनों को वहां पहुंचने में कठिनाई का सामना ना करना पड़े।हमें सिलेबस, परीक्षा की प्रणाली, मूल्यांकन की प्रणाली को भी दिव्यांग जनों के लिए मॉडिफाई करना चाहिए

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय तिवारी ने कहा कि विश्व की 80% दिव्यांग जनों की आबादी केवल विकासशील देशों में निवास करती है और उसमें से भी 80 से 90% दिव्यांगजन ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। भारत में 2015 में दिव्यांग जनों हेतु सुगम्य भारत अभियान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चालू किया गया. प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि दिव्यांग जनों को भी समाज में गरिमा के साथ रहने का अधिकार है। इनफार्मेशन कम्युनिकेशन  टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुएदिव्यांग जनों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा सकता है।  जब तक समाज की सोच दिव्यांग जनों के प्रति नहीं बदलेगी तब तक हम उनको उनके अधिकार नहीं दे पाएंगे।उन्होंने पैरा ओलंपिक खेलों  का उल्लेख करते हुए बताया कि हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरा ओलंपिक में 19 मेडल जीते थे इससे सभी भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। उन्होंने कहा कि विकलांग वो  नहीं है जो तन से हारा है बल्कि विकलांग वह है जो मन से हारा है।

कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की  वरिष्ठ सलाहकार डॉ स्मिता राजन और साधना सिंह बिसेन  ने किया। आभार प्रदर्शित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एल  एस सोलंकी ने कहा की दिव्यांग जनों की सफलता की कहानियों से हमारे कर्मचारियों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए और उन्हें भी अपने भविष्य की उन्नति के लिए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय की मुक्त और दूरस्थ शिक्षा का फायदा लेते हुए अपने अध्ययन को और कौशल विकास को आगे बढ़ाना चाहिए।